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सबसे पहले पूरा किया एस आई आर का काम


0 जिला कलेक्टर के हाथों बीएलओ सुनीता सिंह सम्मानित
बिलासपुर*  मतदाता सूचियों  के गहन पुनरीक्षण कार्य ( एसआई आर ) में कार्यरत बूथ लेवल ऑफिसर सुनीता सिंह को  100 प्रतिशत  कार्य पूरा करने के पर कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी संजय अग्रवाल ने  गत 27 नवंबर को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है* 
शहर क्षेत्र से सबसे पहले मतदाता सूचियां के गहन पुनरीक्षण कार्य को शत प्रतिशत पूरा करने में सुनीता सिंह का नाम था * उन्होंने शहर जोन क्रमांक 5 से सबसे पहले मतदाता पुनरीक्षण का काम पूरा कर लिया है * इस अवसर पर शहर जोन क्रमांक 5 के निगम कमिश्नर व अन्य अधिकारियों ने उन्हें इस उपलब्धि के लिए अपनी शुभकामनाएं दी * मालूम हो कि,निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप जिले के बीएलओ एवं संबंधित अधिकारियों द्वारा मतदाता सूची के शुद्धिकरण एवं डिजिटाइजेशन कार्य को उत्कृष्टता के साथ पूरा किया जा रहा है*इस अभियान के दौरान शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने वाली बीएलओ सुनीता सिंह ने बताया कि,जिला निर्वाचन अधिकारी के बेहतर मार्गदर्शन और आपसी समन्वय और बेहतर टीमवर्क के साथ जिम्मेदारी, सतर्कता और समर्पण की भावना के साथ कार्य करने से मतदाता सूची के डिजिटाइजेशन का कार्य समय पर पूरा हुआ है* मतदाता सूचियों के गहन पुनरीक्षण कार्य में मैदानी स्तर पर कार्यरत बीएलओ का कलेक्टर संजय अग्रवाल निरंतर हौसला बढ़ा रहे है*

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सचिव स्कूल शिक्षा  6 सप्ताह में बनाएंगे नई नीति 
0 शिक्षा के अधिकार मामले में सुनवाई
0 शासन के जवाब से हाईकोर्ट हुआ नाराज
बिलासपुर * शिक्षा के अधिकार मामले में जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सचिव स्कूल शिक्षा को निर्देश दिया है कि, 6 सप्ताह में प्री स्कूल से संबंधित नई नीति बनाकर अदालत में पेश करें * अगली सुनवाई दिसंबर माह में निर्धारित की गई है *
“ शिक्षा का अधिकार” मामले में दायर जनहित याचिका पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में पहले हुई सुनवाई के दौरान शिक्षा सचिव की अनुपस्थिति पर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई और स्पष्ट चेतावनी दी थी कि. ‘हाईकोर्ट को मजाक में न लें।* चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने सख्त लहजे में कहा था कि अगली सुनवाई में सचिव स्वयं उपस्थित होकर शपथपत्र के जरिए बताएं कि, गड़बड़ी करने वालों पर अब तक क्या कार्रवाई हुई है* योजना के पात्र हितग्राहियों की आखिर अनदेखी क्यों हो रही है* नियम शर्तों का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है *
   पहले से ही सोचना चाहिए
आज चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र अग्रवाल की स्पेशल डीबी में सुनवाई के दौरान शासन की ओर से कहा गया कि, शुरुआत से ही प्री स्कूल को मान्यता नहीं है * प्री प्रायमरी सारे निजी स्कूल बिना किसी मान्यता के ही चल रहे हैं कोई नियम नहीं बना है * याचिकाकर्ता सामाजिक कार्यकर्ता भगवंत राव के अधिवक्ता देवर्षि सिंह ने इसका विरोध करते हुए बताया कि , 2013 से नया नियम बना हुआ है, इसे लागू नहीं किया जा रहा है* इस पर राज्य के अधिवक्ता ने कहा कि, हम इस पर एक नया ड्राफ्ट तैयार कर रहे हैं जो जल्द ही लागू हो जायेगा * इस बात पर चीफ जस्टिस ने नाराजगी जताते हुए कहा कि , आपको कितना समय लग रहा है * इन सब बातों पर शिक्षा विभाग को पहले से ही सोचना चाहिए * कोर्ट ने स्कूल शिक्षा सचिव को आने वाले 6 सप्ताह में प्री स्कूल को लेते हुए नई नीति बनाने का निर्देश दिया है *
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दाखिला दिलाया
गौरतलब है कि, गत माह हुई सुनवाई में कोर्ट ने राज्य शासन से यह भी पूछा था कि,गरीब बच्चों का हक मारकर आर्थिक रूप से सक्षम घरों के बच्चों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दाखिला दिलाया गया* ऐसी गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ अब तक क्या कदम उठाए गए हैं* भिलाई निवासी राव की याचिका में आरोप लगाया गया है कि, फर्जीवाड़े के जरिए आरटीई के तहत गरीब बच्चों की सीटें कब्जाई जा रही है और आर्थिक रूप से सक्षम लोगों के बच्चों को दाखिला दिया गया है* निजी स्कूल भी आरटीई की सीटों को लेकर गंभीर नहीं है*

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