0 सुनवाई के बाद फैसला हुआ सुरक्षित
0 सिंगल बेंच ने रखे थे अलग –अलग मत
बिलासपुर * हाईकोर्ट में शुक्रवार को शासकीय कर्मचारियों के एक मामले में तीन जजों की लार्जर बेंच ने सुनवाई की * सिंगल बेंच ने जल संसाधन से जुड़े इस मामले में याचिकाओं पर दो अलग – अलग मत आने के कारण इसे संवैधानिक पीठ को रेफर किया था * पीठ ने ट्रकों और सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है*
राज्य शासन के अंतर्गत जल संसाधन विभाग में कार्यरत कुछ कर्मचारियों को काफी समय पहले सेवा से हटा दिया गया था * इन लोगों ने श्रम आयुक्त के यहाँ मामला पेश किया * लेबर कोर्ट ने सुनवाई कर कर्मचारियों को सेवा में बहाल करने का निर्देश दिया था* राज्य शासन ने इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में रिट पिटीशन लगाईं * हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई कर कहा कि, कर्मचारियों को वापस लेने की बजाय मुआवजा दिया जा सकता है * इस प्रकरण में कई मामले एक साथ लगाये गए थे* कुछ प्रकरणों में हाईकोर्ट ने कहा कि, इन्हें सेवा में वापस लिया जाए * इसके अलावा कुछ प्रकरणों में विचार यह था कि, कर्मचारियों को मुआवजा प्रदान किया जाये* दो प्रकार के विचार आने पर इसे हाईकोर्ट की लार्जर बेंच को रेफर कर दिया गया* शुक्रवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने जस्टिस एन के चन्द्रवंशी और जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल के साथ संवैधानिक पीठ में प्रकरण पर सुनवाई की * कर्मचारियों की ओर से एडवोकेट विनोद देशमुख ने पक्ष रखा * शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर ने तर्क प्रस्तुत किये * हाईकोर्ट ने बहस और सभी पक्षों के तर्क सुनाने के बाद मामले में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है *
पहली लार्जर बेंच
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान किसी मामले में जब कभी भी कोई संवैधानिक प्रश्न उठाया जाता है, तब हमेशा इसे लार्जर बेंच को रेफर किया जाता है * श्रम कानून से संबंधित इस मामले में क्यंकि कर्मचारियों के बारे में दो अलग – अलग मत सामने आये , इसलिए इसे रेफर किया गया * समझा जाता है कि, इस वर्ष में पहली बार ही लार्जर बेंच में सुनवाई की गई है * बेंच ने अपन फैसला सुरक्षित रख लिया है *
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