0 राज्य शासन का हलफनामा ,
0 जनहित याचिका निराकृत
बिलासपुर * कोरबा जिले की तान नदी के स्वच्छ जल क्षेत्र में अब फ्लाई एश डम्प नही की जाएगी * राज्य शासन से शुक्रवार को इस आशय का शपथपत्र आने के बाद हाईकोर्ट ने गोविन्द शर्मा की ओर से पेश जनहित याचिका निराकृत कर दी है *
गोविन्द शर्मा ने सीनियर एडवोकेट किशोर भादुड़ी के माध्यम से हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर बताया कि रीजनल ऑफिस कोरबा, छत्तीसगढ़ एनवायरनमेंट कंजर्वेशन बोर्ड (रिस्पॉन्डेंट नंबर 06) के अधिकार क्षेत्र में, कोनकोना गांव, जिला कोरबा, छत्तीसगढ़ में मौजूद बंद कोनकोना ऑर्डिनरी स्टोन माइन के अंदर राख डंप करने की इजाज़त दी गई है* इन इजाज़तों के आधार पर, कोरबा के थर्मल पावर प्लांट, तान नदी (हसदेव नदी की सहायक नदी) के 150 मीटर के दायरे में मौजूद राख डंप कर रहे हैं और यह भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के इम्पैक्ट असेसमेंट डिवीजन के 28.अगस्त .2019 के ओपन माइन के पॉइंट नंबर 7 (2) के खिलाफ है* यह बंद खदानों में फ्लाई ऐश के डिस्पोजल के लिए गाइडलाइन बताता है और ओएम के पॉइंट नंबर 7 (2) में कहा गया है कि 500 मीटर की सुरक्षित दूरी बनाए रखी जाए*
. तान नदी को नाला बताया
.पहले हुई सुनवाई में बताया गया कि, छोड़ी हुई खदानों में राख डिस्पोज़ल के मामले में नदी और पानी के स्रोत से मीटर की दूरी बनाए रखनी होती है* इस मामले में, कोंकोना ऑर्डिनरी स्टोन माइन के 2 गड्ढे तान नदी से 150 मीटर की दूरी पर हैं*, प्रतिवादी अधिकारियों ने अपनी इंस्पेक्शन रिपोर्ट में तान नदी को नाला बताया है* .कानून के तहत प्रतिबन्ध के बावजूद प्रतिवादियों ने कोंकणा ऑर्डिनरी स्टोन माइन में राख डंप करने की इजाज़त दे दी है* छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण बोर्ड कोरबा के रीजनल ऑफिसर को व्यक्तिगत शपथपत्र पेश करने का निर्देश भी दिया गया*
भविष्य में भी गलती नहीं होगी
कल चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच में सुनवाई के दौरान राज्य शासन ने अपना शपथपत्र पेश कर बताया कि, अब नदी के किनारे साफ़ पानी की जगह पर राखड की डम्पिंग बंद करा दी गई है*भविष्य में दोबारा इस प्रकार की गलती नहीं होगी इस बात का भी वचन दिया गया * चीफ जस्टिस ने इस बात को मानकर यह जनहित याचिका विधिवत निराकृत कर दी *
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